डिजिटल/साइबर संसार में आपकी पहचान आपकी हर व्यक्तिगत सूचना, जो आपसे सम्बन्धित है और जिनके माध्यम से साइबर स्थान में आपकी पहचान को पहचाना और पता किया जा सकता है वह डिजिटल संसार में आपकी पहचान है जैसे आपका नाम, पता, ईमेल आईडी आदि।
मोबाइल, इन्टरनेट, ईमेल आदि यह सभी डिजिटल संसार के हिस्से हैं। हर उपकरण/ तकनीक जो भी आती है और जो आपका जीवन सरल बनाती है वह डिजिटल संसार में आपकी सूचना को खतरे में डाल सकती है।
पहचान चोरी क्या है?
आपकी व्यक्तिगत या सामाजिक पहचान सूचना जैसे नाम, फोन नंबर, स्कूल विवरण, ईमेल आईडी, जन्म तिथि, पता, पहचान पत्र संख्या, आधार कार्ड विवरण, पासपोर्ट विवरण, यात्रा विवरण, बैंक खाता विवरण, ऊँगली के निशानों का विवरण, आवाज़ के नमूनों को चुराना या दुरूपयोग करना ही पहचान चोरी करना है।
यह महत्वपूर्ण क्यों हैं?
पहचान चोरी की घटना ऐसी घटना है जो किसी के भी साथ कहीं भी हो सकती है। यह कई रूपों और आकारों में आती है। इसके कारण आपको नुकसान तो हो ही सकता है, बल्कि साथ ही आपके अभिभावकों/परिवार के गाढ़ी कमाई भी जा सकती है। आपको हमेशा ही खुद को इस भौतिक संसार में सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपायों की जरूरत होगी। यदि आवश्यक कदम नहीं उठाए जाएँ तो साइबर संसार भी उतना ही जोखिम भरा है जितना भौतिक संसार। हकीकत में तो इस डिजिटल संसार में आपको खुद की और अपने परिवार एवं दोस्तों की रक्षा करने के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय लेने की आवश्यकता है। आपकी पहचान की रक्षा करना आपका उत्तरदायित्व है। आज साइबर संसार उस सीमा तक पहुँच गया है जहाँ हम न ही रुक सकते हैं और न ही समस्याओं/साइबर अपराधों को ठीक कर सकते हैं, इस प्रकार हमेशा बेहतर होता है कि आप इन का शिकार होने से पहले खुद की रक्षा इन अपराधों से कर सकें। बचाव हमेशा ही इलाज से बेहतर होता है।
पहचान चोरी कैसे होती है?
नीचे कई स्रोत दिए गए हैं, जिनके माध्यम से साइबर अपराधियों के पास व्यक्तियों की पहचान चोरी करने के खतरे बढ़ जाते हैं।
- रेस्टोरेंट, शौपिंग मॉल/मूवी थिएटर में लकी ड्रा कूपन में दिए गए सर्वे फॉर्म में भरे हुए आंकड़े जिनमें व्यक्तिगत सूचना माँगी गयी होती है।
- जब आप अपने किसी परिवार के सदस्य या दोस्त के साथ किसी सार्वजनिक स्थान पर अपने परिवार या व्यक्तिगत मामलों के विषय में बात कर रहे हैं तो अनजाने में ही आप ऐसी बातें बोल देते हैं, जो ठग सुन सकते हैं और इस सूचना को धोखे वाली गतिविधियों में इस्तेमाल कर सकते हैं
- सुपर मार्केट और मेडिकल स्टोर और मॉल में रीटेल चेन्स में खरीददारी के बाद दर्ज किये गए आंकड़े
- ईमेल/व्हाट्सएप/एसएमएस के माध्यम से नकद इनाम/लाटरी/जॉब ऑफर्स के रूप में कुछ लाभ देने का वादा कर इकट्ठे किए गए आँकड़े। वह ऐसे लोगो के साथ मेल भेजते हैं, जिससे उनके वास्तविक होने का आभास होता है। वह आपसे एक ऐसे लिंक पर क्लिक करने के लिए कह सकते हैं, जो किसी और पेज पर आपको ले जा सकता है, जहां पर आपको कुछ सूचनाएं देने के लिए पूछा जाएगा, जैसे पासवर्ड, ओटीपी आदि
- अपराधी ऑनलाइन शौपिंग पोर्टल, ई-कॉमर्स साईट और ऑनलाइन बैंक खातों से आपकी व्यक्तिगत सूचना ले सकते हैं और उन्हें खुद के लाभ के लिए आपके ही खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पहचान चोर अक्सर किसी झूठे खाते के माध्यम से सोशल मीडिया में अलग प्रोफाइल से आते हैं। उन प्रोफाइल में से वह कुछ ऐसी प्रोफाइल चुनते हैं, जो संभावित शिकार हो सकते हैं। वह किसी भी सम्बन्ध को शुरू करने के लिए मित्रता अनुरोध भेजते हैं और फिर चैटिंग के माध्यम से विश्वास हासिल करते हैं। विश्वास हासिल करने के बाद वह संभावित शिकार से संवेदनशील निजी सूचना को पाते हैं।
- सरकारी रजिस्टर या सार्वजनिक रिकार्ड्स में आँकड़े, जिन्हें अनुचित रूप से प्रबंधित किया जाता है।
- अपराधी कंप्यूटर सर्वर्स से सूचना लेने की कोशिश करते हैं, जो सुरक्षित नहीं होते हैं या जिनकी उचित निगरानी न की गयी हो। वह पोर्ट्स के माध्यम से राउटर तक जा सकते हैं, जिन्हें अनुचित रूप से कॉन्फ़िगर किया जा सकता है या फिर अनजाने में खोला जा सकता है, या फिर जिनमें कमज़ोर पासवर्ड होता है, जो पहचान चोरी का शिकार हो सकता है।
- व्यक्तिगत सूचना की चोरी मालवेयर के माध्यम से भी हो सकती है। मालवेयर को मेल/एसएमएस/व्हाट्सएप लिंक के माध्यम से भेजा जा सकता है। मालवेयर कई रूपों में हो सकते हैं जैसे वायरस, स्पाईवेयर, रूटकिट्स, रिमोट एक्सेस टूल्स आदि
- कई बार स्मार्ट क्रेडिट/डेबिट कार्ड या फिर अन्य स्मार्ट पेमेंट कार्ड्स (जैसे शौपिंग, गिफ्ट कार्ड आदि) से आरऍफ़आईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन) उपकरण के माध्यम से पढ़े जाने के बाद सूचना चोरी हो सकती है, फिर चाहे कार्ड के साथ शारीरिक संपर्क हुआ हो या नहीं।
स्वयं की रक्षा पहचान चोरी से कैसे करें?
नीचे कुछ उपाय और रास्ते दिए गए हैं, जिनसे आपकी पहचान की रक्षा करने में मदद होगी और साइबर संसार से आप सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं का निर्माण कर सकेंगे
- हमेशा ही एक मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें, जिनका अंदाज लगाना मुश्किल हो जैसे कौन से अक्षर हैं, कौन सी संख्या है या फिर वर्णमाला है। और यह कठिन पासवर्ड आपके मोबाईल, कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों या एप्लीकेशन के लिए इस्तेमाल होना चाहिए।
- अपना पासवर्ड बदलते रहें, और सुनिश्चित करें कि आप वह पासवर्ड इस्तेमाल करें
- हमेशा उन वेबसाइट्स पर न जाएं जिन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है और साथ ही संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक न करें, न ही टेक्स्ट मेसेज पर क्लिक करें, जो पहचान चोरी के लिए जाल हो सकते हैं।
- कभी भी अपनी व्यक्तिगत या गोपनीय सूचना जैसे पासवर्ड, खाता संख्या, पिन संख्या, आदि को फोन या ईमेल पर न दें
- कभी भी अपनी व्यक्तिगत या गोपनीय सूचना कागज़, पुस्तकों, मोबाईल नोट्स आदि पर न लिखें
- पहचान चोरी से बचने के लिए हमेशा ही जरूरी दस्तावेजों जैसे पहचान पत्र, लाइसेंस, आदि की डुप्लीकेट कॉपी लेकर चलें, जिससे नुकसान कम से कम हों
- अपने डिजिटल सामानों की सुरक्षा के लिए, निम्न लिखित को सुनिश्चित करें:
- मजबूत फेयरवेल
- बाहरी एक्सेस के लिए वीपीएन
- निर्धारित मालवेयर और वायरस स्कैन
- ऑटोमैटिक विन्डोज़ और अन्य
- सोफ्टवेयर अपडेट्स
- सुरक्षित वायरलेस नेटवर्क
- अपने कंप्यूटर की भौतिक एक्सेस को सुरक्षित रखना/सीमित करना